जेईई मेन्स: अलग-अलग स्लॉट में अलग हो सकता है पेपर का डिफिकल्टी लेवल
एजुकेशन डेस्क। जेईई मेन एग्ज़ाम के रजिस्ट्रेशन्स शुरू होने के बाद नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने पेपर की टफनेस को लेकर नया नोटिफिकेशन जारी किया है। एनटीए के अनुसार, अलग सेशंस और स्लॉट्स में होने वाले एग्जाम में सवालों का डिफिकल्टी लेवल एक जैसा रखने की कोशिश है। इसके बाद भी संभव है कि अलग स्लॉट में एग्जाम देने वाले कैंडिडेट्स को अलग डिफिकल्टी लेवल वाला सेट मिले।
अलग-अलग स्लॉट्स से कैंडिडेट्स को नुकसान ना हो, इसके लिए एनटीए परसेंटाइल बेस पर की जाने वाली नॉर्मलाइजेशन प्रोसेस लागू करेगा। हर स्लॉट में परीक्षा देने वाले सभी कैंडिडेट्स के परसेंटाइल निकाले जाएंगे। यह प्रक्रिया हर स्लॉट के लिए अलग-अलग की जाएगी।
हर स्लॉट के लिए अलग-अलग परसेंटाइल कैल्कुलेट होगी
- एक्सपर्ट मितेश राठी ने बताया, एनटीए द्वारा दी गई इस सूचना के बाद जेईई के नए प्रोसेस को लेकर संशय दूर हो गए हैं। बच्चों के मन में सवाल थे कि, टफ पेपर आने पर हमें कम मार्क्स मिलेंगे। नॉर्मलाइजेशन के बाद ऐसा नहीं होगा। पेपर टफ होने पर नंबर कम आएंगे और पेपर आसान होने पर ज्यादा लेकिन यह स्थिति उस स्लॉट के सभी बच्चों के साथ होगी। एनटीए, हर स्लॉट के लिए अलग-अलग परसेंटाइल कैल्कुलेट करेगी।
सेंटर का प्रेफरेंस दे सकेंगे, एनटीए तय करेगा स्लॉट
- एक्सपर्ट अनिल अग्रवाल ने बताया, 1 सितंबर से शुरू हुए जेईई मेन के रजिस्ट्रेशन में फिलहाल कैंडिडेट्स की बेसिक और एजुकेशनल डिटेल्स ली जा रही हैं। स्टूडेंट्स को पसंद का सेंटर चुनने के पांच ऑप्शन दिए जा रहे हैं। टाइम स्लॉट का कन्फर्मेशन एनटीए द्वारा किया जाएगा। एनटीए ने स्टूडेंट्स के लिए टेस्ट प्रैक्टिस सेंटर्स की व्यवस्था भी की है।

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जेईई मेन्स-1 का एग्जाम 6 जनवरी से 20 जनवरी तक आयोजित किया जाएगा।