भारत को पहले ही प्रयास में शक्ति मिली; रूस 23वीं,अमेरिका 20वीं और चीन चौथी बार में सफल हुआ था
एजुकेशन डेस्क। डीआरडीओ ने एंटी सैटेलाइट मिसाइल टेस्ट का नाम मिशन शक्ति रखा। भारत ने इस शक्ति प्रदर्शन के द्वारा दुनिया को एक बार फिर दिखा दिया कि उसके पास अंतरिक्ष में भी अपनी हिफाजत करने की ताकत है। भारत के 55 उपग्रह फिलहाल पृथ्वी की कक्षा में चक्कर लगा रहे हैं। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत, चीन के बाद दूसरा देश है, जिसके पास अंतरिक्ष में सबसे ज्यादा एक्टिव सैटेलाइट हैं।
चीन के 284 उपग्रह अंतरिक्ष की कक्षा में हैं। अमेरिका के पास सबसे ज्यादा 849 और रूस के पास 152 हैं। पृथ्वी की कक्षा में कुल 1957 एक्टिव सैटेलाइट हैं। अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के उच्च सूत्रों के मुताबिक भारत के पास एंटी-सैटेलाइट टेस्ट करने की क्षमता कम से कम पिछले 10 साल से मौजूद है। लेकिन इसका टेस्ट किन्हीं कारणों से नहीं हो सका। भारत ने अब लो अर्थ ऑर्बिट में 300 किमी से लेकर 2000 किमी ऊंचाई पर भी किसी सक्रिय सैटेलाइट को मार गिराने की क्षमता हासिल कर ली है।
सूत्रों के मुताबिक भारत ने माइक्रोसैटआर सैटेलाइट को नष्ट किया। इसे जनवरी 2019 में पीएसएलवी के जरिए इसरो ने 277 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थापित किया था। इस सैटेलाइट का वजन 740 किलोग्राम था। दरअसल, जिस वक्त सैटेलाइट को लॉन्च किया गया था, इसरो अध्यक्ष के सिवन ने कहा था कि यह सैटेलाइट रक्षा रिसर्च के उद्देश्य से लॉन्च किया गया है।

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